.....इन योजनाओं को ईमानदारी से जमीन पर लागू किया गया और जवाबदेही तय की गई, तो अच्छे नतीजे आ सकते हैं।
एर इंडिया के मूलभूत ढाँचे में आमूल परिवर्तन लिए बिना नागरिक उड्डयन की कोई भी नीति, पानी पर लकीर खींचने जैसी ही मानी जाएगी |
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